लो जी , हम पिता जी बन गए ।
10 जनवरी 2013 को हमारा घर भी नन्हे मुन्ने की किलकारियों से गूंझ उठा ।
नन्हे प्राण ने अपने मोहपाश में ऐसा बाँधा कि बीस दिन की छुट्टियाँ कब रफूचक्कर हुई , पता भी न चला ।
अजीब अनुभूति है । शब्दों में बांधना मुश्किल है । नए आयाम खुले है । नए मकसद मिले है । नया द्रष्टिकोण मिला है ।
ये देखिये , छुट्टियों से वापस लौटते समय तमाम मन्नते की । हाथ पकड़ के झकझोरा भी , कि मान्यवर तनिक आँखे तो खोले , पर महोदय की निंद्रा साधना इतनी एकाग्रः है कि विघन डालना लगभग नामुमकिन है ।
बड़ी मुश्किल से अर्धनेत्र खोलने की मेहरबानी हुई। पर साथ में जतावा कि मैं गहरी साधना में हूँ और मुझे जगाकर क्यों खामखा मेरा समय बर्बाद कर रहे हो ।
हालाँकि पंडित जी ने 'भारतेंदु' नाम सुझाया है पर परिजनों के बहुमत के आधार पर 'ध्रुव' पर सहमति जान पड़ती है ।
'भारतेंदु' हो या 'ध्रुव' , पर हो विशुद्ध , स्वनिर्मित ।
अपनी इच्छाओ , आकांशाओ , सपनो के बोझ से हम नन्हे प्राण के मूल स्वभाव को विघटित न करे ,ऐसी अभिलाषा है ।
स्वागत है नवप्राण , स्वागत है ।
Congrats to both of you..Dhruv has preeti's features..
जवाब देंहटाएंMera pyaara dhruv
जवाब देंहटाएंMera pyaara dhruv
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