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तलाक़ की लड़ाई

जब नहीं चला गृहस्थ ,  तो वह हो गयी वापस |  वैसे ही ,  जैसे ग्राहक लौटा दे ,कोई नापसन्द आया सामान |  फिर उलझ गयी बड़ों  की मूछें , बिगड़ गयीं ज...