Simple and short Hindi stories from day to day life
जब नहीं चला गृहस्थ , तो वह हो गयी वापस | वैसे ही , जैसे ग्राहक लौटा दे ,कोई नापसन्द आया सामान | फिर उलझ गयी बड़ों की मूछें , बिगड़ गयीं ज...