जो दूसरों के पास है , वही सब अपने बच्चों के लिए जुटाने की जद्दोजहद | अपनी ऊर्जा-सामर्थ्य से मिडिल क्लास आदमी यही साधता है | पर एक मलाल है | मलाल ये कि नौकरी से समय मिलता तो मैं बच्चों को कुछ सिखाता | एक विचार , कि माँ , स्कूल टीचर्स, दादा दादी , ये सब समझाते तो होंगे | अपनी कूबत अपनी इच्छा के हिसाब से | पर क्या वो सब , जो मैं बता पाता !
आप इसे गुमान कहिये | पर चम्पक , आविष्कार , मनोहर कहानियाँ , सुपर कमांडो ध्रुव , नागराज से होते हुए उपकार ,प्रतियोगिता दर्पण ,इंडिया टुडे , दी हिन्दू , फिर टेड टॉक्स , न्यूज़ डिबेट्स से निकल दाँते ,लियो टॉलस्टॉय , मैक्सिम गोर्की तक को छूने वाले आदमी को आप थोड़ी नरमाई से नापिये | उसे इस अहसास के साथ जीने की मोहलत दीजिये कि जिंदगी में तीर मारे हों या न मारे हों , विषयवस्तु की पकड़ उस अधेड़ को है | इतना कुछ तो उसके तरकश में है कि एक बच्चे की जीवन दिशा की प्रस्तावना तो बांध ही दे |
और इसी अहसास से तरबतर वो आदमी , दस साल के बच्चे का हाथ पकडे सिंगापुर के एक लोकल मार्किट से गुजरा जा रहा था |बच्चा जो कि अभी अभी विलायत आया था | पहली दफा , नयी आँखें | रविवार की अलसाई सुबह | ताजा सब्जी , फल, दूध , अंडे ,ब्रेड यही सब रोजमर्रा की चीज़े उठाए कुछ अच्छे पति , वृद्ध गृहणियां , कम उम्र काम वाली बाइयाँ , | नुकक्कड़ो पर , मुनिसिपलिटी की सीमैंट की बैंचों पर , कॉफी हाउस के बाहर बूढ़े जमा थे | बूढ़े जो काफी बूढ़े थे |
"अच्छा , तुमने ऑब्ज़र्व किया बेटा | सिंगापुर में अपने देश के मुकाबले कितने ज्यादा बूढ़े लोग दीखते है ? "
"सोचो , ऐसा क्यों हैं ?"
और फिर वो दिमाग में गढ़ने लगा कि बच्चे को कुछ समझायेगा - विकसित देश , क्वालिटी ऑफ़ लाइफ , हेल्थ केयर , लोंगेटिविटी इसी सब के बारे में |
बच्चे ने सोचा , एक दो दुकान के होर्डिंग पढ़े और फिर बोला " हाँ , तो क्या पापा , सिंगापुर भी ब्लू जोन में आता है ?"
"ब्लू ज़ोन ?"
"हाँ , ब्लू जोन , जिसमे जापान आता है , इटली आता है | "
"ओह , ये क्या होता है ?" आदमी ने इतना कहा पर उसका दिमाग ब्लू जोन , जापान , दीर्घायु इन सबका युगुम बनाने में कामयाब रहा | धीरे से चलते चलते गूगल से कन्फर्म किया |
"तुमने ये सब कहाँ से सीखा ?"
"पापा आप यू ट्यूब पर नास डेली को फॉलो नहीं करते क्या ? आपको करना चाहिए | "
मार्किट के किनारे बबल टी की एक एक स्टाल की तरफ इशारा करते हुए बच्चे ने कहा " पापा , वाओ , बबल टी मिलती है यहॉ !मैंने कभी पी नहीं | ट्राई करें ?"
आदमी ने पूछा नहीं कि जब कभी पी ही नहीं , अपने शहर में मिलती भी नहीं तो ये 'वाओ !बबल टी ' कहाँ से आया | रेमैन , किमची ये सब शब्द इसकी वोकैब में आये कहाँ से |
हाँ, बबल टी स्टाल की तरफ जाते हुए उसने सोचा कि उसकी दुनियादारी की समझ सिकुड़ रही है | दुनिया बदल गयी है तरीके बदल गए है , इनफार्मेशन कई गुना तेज रफ़्तार से दौड़ रही है | आप जो खाली छोड़ रहें हैं ,यू ट्यूब उसे भर रहा है |
"पापा आपको अगर इंटरेस्टिंग फैक्ट्स चाहिए ना तो मैं आपको कुछ चैनल्स बता दूंगा | सब्सक्राइब कर लेना | "
"ठीक है बेटा| अच्छा सुनो , सिंगापुर ब्लू जोन में नहीं आता | वो कुछ दूसरी थ्योरी है | बाद में डिटेल में बताऊंगा | "बबल टी लगे स्ट्रा को घुमाते हुए आदमी ने कहा |
लेकिन पहली दफा , गुमान में तरबतर रहने वाले आदमी को ऑउटडेटेड हो चलने ,और फिर अप्रासंगिकता की ओर लुढ़क जाने का का डर सताने लगा है |